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राजस्थान विधानसभा में धर्मांतरण विरोधी विधेयक पेश, जानें क्या हैं प्रावधान

जयपुर। राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही शुरू हो गई है। इस दौरान धर्मांतरण विरोधी विधेयक राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025 पेश किया गया। इस विधेयक के तहत लव जिहाद को पारिवारिक न्यायालय द्वारा निरस्त करने का अधिकार होगा। साथ ही इसे गैर-जमानती अपराध माना जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने इस बिल को पेश किया है। इस बिल को बजट सत्र में ही बहस के बाद पारित किया जाएगा। विधेयक के पारित होने की तारीख बाद में निर्धारित की जाएगी। बिल के प्रावधानों के मुताबिक अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन करने पर भी कलेक्टर को सूचना देनी होगी।

मर्जी से धर्म परिवर्तन करने पर 60 दिन पहले कलेक्टर को सूचना देकर ही धर्म बदल सकते है। ऐसा न करने पर कार्रवाई हो सकती है। इस बिल में लव जिहाद के खिलाफ भी प्रावधान है। बिल में लव जिहाद को विस्तार से बताया गया है। अगर कोई धर्म बदलवाने के लिए शादी करता है, तो वह लव जिहाद माना जाएगा। अगर यह साबित होता है कि शादी का उद्देश्य लव जिहाद है तो ऐसी शादी को रद्द करने का प्रावधान भी होगा।

अगर कोई व्यक्ति ​धर्म परिवर्तन कराने के मकसद से शादी करता है। फैमिली कोर्ट के पास अधिकार है कि वह ऐसे विवाह को अमान्य घोषित कर सकता है।

झारखंड, कर्नाटक और गुजरात में यह कानून पहले से लागू है। इसके तहत जबरन या लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने पर रोक होगी। यह विधेयक इससे पहले 16 साल पहले वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में साल 2008 में पेश किया गया था, लेकिन केंद्र की मंजूरी न मिलने के कारण यह लागू नहीं हो पाया था।

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