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गुना में फिर सिंधिया का डंका: बीजेपी के टिकट पर जीता पहला चुनाव, पांचवी बार बने गुना-शिवपुरी से सांसद

लोकसभा चुनाव 2024 में गुना सीट पर फिर एक बार बीजेपी ने बाजी मारी है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस के यादवेंद्र सिंह यादव को 2.50 लाख से ज्यादा वोटों से मात दी. गुना लोकसभा सीट इसबार के चुनाव में चर्चा का विषय बनी रही. गुना सीट पर एमपी के तीसरे चरण में 7 मई को वोटिंग हुई थी. इस सीट पर कुल 72.43% मतदान हुआ था. बता दें इस सीट से दिग्विजय सिंह ने 33 साल बाद लोकसभा चुनाव लड़ा है.

पांचवी बार लोकसभा सांसद बने सिंधिया 

ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना सीट से पांचवी बार सांसद बने हैं. वे पहली बार बीजेपी के टिकट से चुनाव जीते हैं. इसके पहले वे 4 बार कांग्रेस के टिकट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं. 2002 में वे उपचुनाव में पहली बार चुनाव जीते थे. इसके बाद 2004,2009, 2014 में सांसद चुने गए. हालांकि 2019 में उन्हें केपी यादव से हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद वे कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे.

कांग्रेस ने यादवेंद्र सिंह यादव को दिया था टिकट

गुना सीट से कांग्रेस ने यादवेंद्र सिंह यादव को मैदान में उतारा था.राव यादवेंद्र सिंह अशोक नगर जिले के रहने वाले हैं. वे 2023  विधानसभा चुनाव से पहले ही बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए थे. यादवेंद्र सिंह के पिता देशराज सिंह यादव बीजेपी से विधायक रह चुके हैं. 

गुना सीट का इतिहास

1957 से ही इस सीट पर राजघराने का वर्चस्व रहा है. 1957 में राजमाता विजय राजे सिंधिया ने चुनाव लड़ा था. उनके बाद 1971 में माधवराज सिंधिया ने यहा से चुनाव लड़ा. वे लगातार तीन लोकसभा चुनाव जीते. माधवराव के बाद इस सीट पर फिर से राजमाता ने बीजेपी (जन संघ) के टिकट से चुनाव लड़ा और 1989 से लेकर 1998 तक चार बार सांसद चुनी गईं. 1999 में कांग्रेस के टिकट से माधवराव सिंधिया ने इस सीट पर फिर से वापसी की. लेकिन उनके निधन के बाद 2002 में उपचुनाव हुए जिसमें पहली बार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यहां से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की.

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