लोकसभा में बोले पीएम मोदी- हमने गरीब को झूठे नारे नहीं, सच्चा विकास दिया
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि वे बहुत भाग्यशाली हैं कि देश के लोगों ने उनको 14वीं बार राष्ट्रपति अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देने का अवसर दिया है। इसके लिए पीएम मोदी ने देश की जनता का आभार व्यक्त किया। पीएम मोदी ने कहा, राष्ट्रपति का संबोधन विकसित भारत के संकल्प को मजबूत करता है, नया आत्मविश्वास पैदा करता है और आम लोगों को प्रेरित करता है।
पीएम मोदी ने कहा कि हमें 10 साल सेवा करने का मौका मिला और 25 करोड़ भारतीय गरीबी रेखा से बाहर आ गए हैं। 5 दशक तक लोगों ने गरीबी हटाओं का नारा सुना। और ये लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं। ये ऐसे ही नहीं हुआ। जब गरीबों के लिए जीवन खपाते हैं तब ऐसा होता है। जब जमीन से जुड़े लोग जमीन की सच्चाई जानते हुए जमीन पर जीवन खपाते हैं तब जमीन पर बदलाव निश्चित होता है। पीएम मोदी ने कहा कि हमने गरीब को झूठे नारे नहीं बल्कि उन्हें सच्चा विकास दिया। गराबी का दुख, मिडिल क्लास के सपने ऐसा ही नहीं समझे जाते बल्कि इसके लिए जज्बा चाहिए। लेकिन दुख के साथ कहना पड़ता है कि कुछ लोगों में ये है ही नहीं।
पीएम मोदी ने कहा कि बारिश के दिनों में कच्ची छत, फूल की प्लास्टिक की चादर वाली छत के नीचे रहना कितना मुश्किल होता है ये हर कोई नहीं समझ सकता। अब तक गरीबों को 4 करोड़ घर मिले है। जिसने उस जिंदगी को जिया है उसे पता होता है कि पक्के छत वाली घर का मतलब क्या होता है। एक महिला जब खुले में शौच जाने के लिए मजबूर होती है तो वह सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद कठिनाइयों के साथ नित्य कर्म करने जाने में क्या तकलीफ होती थी ये लोग नहीं समझ सकते। हमने 12 करोड़ से ज्यादा शौचालय बनाकर बहन बेटियों की मुश्किलें दूर की।
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ नेताओ का फोकस घरों में जकूजी, स्टाइलिश शावर पर है लेकिन हमारा फोकस हर घर जल पहुंचाने पर है। आजादी के 75 साल के बाद देश में 75 फीसदी करीब-करीब 16 करोड़ से भी ज्यादा घरों के पास नल का कनेक्शन नहीं था। हमारी सरकार ने 12 करोड़ परिवारों को नल से जल देने का काम किया है और काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। हमने गरीबों के लिए इतना काम किया इस कारण राष्ट्रपति ने इसका जिक्र किया। जो लोक गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन कराकर अपना मनोरंजन करते रहते हैं उन्हें संसद में गरीबों की बात बोरिंग ही लगेगी।
पीएम मोदी ने कहा कि मैं उनका गुस्सा समझ सकता हूं। समस्या के समाधान के लिए समर्पित भाव से प्रयास करना पड़ता है। देश में एक पीएम हुआ करते थे उनके मिस्टर क्लीन कहने का फैशन हो गया था। उन्होंने समस्या को पहचाना था और कहा था कि दिल्ली से एक रुपया निकलता है तो गांव में 15 पैसा पहुंचता है। उस समय तो पंचायत से लेकर संसद तक एक ही पार्टी का राज था। उस समय उन्होंने सार्वजनिक तौर पर ऐसा कहा था। ये बहुत गजब की हाथ सफाई थी।
पीएम मोदी ने कहा कि देश ने हमें अवसर दिया और हमने समाधान का खोजा। हमारा मकसद है बचत भी और विकास भी। हमने जनधन, आधार, मोबाइल की ट्रिटी बनाई और डीबीटी से डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर देना शुरू किया। हमने 40 लाख करोड़ रुपया सीधा जनता के खाते में जमा किया। इस देश का दुर्भाग्य देखिए- सरकारें किसके लिए चलाई गई।
पीएम मोदी ने कहा कि जब बुखार होता है तो लोग कुछ भी बोलते हैं लेकिन जब हताशा छा जाती है तब लोग कुछ भी बोलते हैं। जो जन्म भी नहीं लिए थे ऐसे 10 करोड़ लोग सरकारी खजाने से योजनाओं का फायदा ले रहे थे। हमने इन 10 करोड़ फर्जी नामों को हटाया और असली लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाया। ये फर्जी लोग जब हटे तब करीब 3 लाख करोड़ रुपया गलत हाथों में जाने से बच गया। पीएम मोदी ने कहा कि हमने सरकारी खरीद में तकनीक का प्रयोग किया और जैम पोर्टल से जो खरीदी हुई वो आम खरीद से कम में हुई और 1 लाख 15 हजार करोड़ रुपये की बचल हुई। स्व्चछता अभियान का मजाक उड़ाया गया जैसे हमने कोई पाप कर दिया। लेकिन आज मुझे संतोष से कहना है कि इस सफाई के कारण हाल के वर्षों से सिर्फ सरकारी दफ्तरों से बेचे गए कबाड़ से दो हजार 300 करोड़ रुपये मिले।
पीएम मोदी ने कहा कि हमने इथेनॉल ब्रांडिंग का अभियान चलाया क्योंकि हमे एनर्जी आयात करना पडता है। इस एक फैसले से 1 लाख करोड़ रुपये का फर्क पड़ा है। और ये पैसे किसानों की जेब में गया है। पहले अखबारों में लाखों के घोटाले की बात होती थी। 10 साल हो गए, घोटाले न होने के कारण लोगों के लाखों करोड़ रुपये बचे हैं जो जनता की सेवा में लगे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हमने जो अलग-अलग कदम उठाए इससे जो पैसे हचे उनका उपयोग बमने शीश महल बनाने के लिए नहीं बल्कि देश बनाने के लिए किया है। इंफ्रास्ट्रक्चर का बजट 10 साल पहले एक लाख 80 हजार करोड़ था। जो कि आज 11 लाख करोड़ है। रोड हो, हाइवे, रेलवे, ग्रांम सड़क हो इन सभी कामोें के लिए विकास की एक मजबूत नींव रखी गई है।
पीएम मोदी ने कहा कि सरकारी खजाने में तो बचत हुई ही लेकिन हमने इस बात का भी ध्यान रखा कि लोगों को भी इसका लाभ मिला। आयुष्मान भारत योजना का फायदा जिन लोगों ने लिया है, वैसे लोगों के 1 लाख 20 हजार करोड़ रुपये बचे हैं। जन औषधि केंद्र से दवाई लेने वाले लोगों के करीब 30 हजार करोड़ रुपये खर्च बचे हैं। UNICEF का कहना है कि जिसके घर में टॉयलेट है उन्हें सालाना 70 हजार रुपये की बचत हुई है। WHO का कहना है कि नल से जल मिलने के कारण परिवारों के अन्य बीमारियों में खर्च होने वाला 40 हजार रुपये बचे हैं। करोड़ों लोगों को मुफ्त अनाज से लोगों के हजारों रुपये बचते हैं। पीएम सूर्य घर योजना से लोगों के 25 से 30 हजार रुपये बच रहे हैं। हमने LED बल्ब का अभियान चलाया था। 400 रुपये के बल्ब 40 रुपये में हो गए। बिजली की बचल हुई और उजाला भी ज्यादा हुआ। इसमें देश के लागों के 20 हजार करोड़ रुपये बचे। सॉइल कार्ड से किसानों को प्रति एकड़ 30 हजार रुपये की बचत हुई है।
पीएम मोदी ने कहा कि 2014 के पहले ऐसे बम गोले फेंके गए कि देश वासियों का जीवन छलनी कर दिया गया था। हम धीरे-धीरे उन घाव को भरते हुए 2014 में दो लाख रुपये पर इनकम टैक्स माफ था। आज 12 लाख रुपये संपूर्ण रूप से इनकम टैक्स से मुक्त है। हम बीच के कालखंड में भी लगातार घाव भरते गए। आज बैंडेज बाकी था वो भी कर दिया। स्टैंडर्ड डिडक्शन के 75 हजारप जोड़कर 1 अप्रैल से सैलरीड क्लास को 12.75 लाख रुपये तक कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा।
पीएम मोदी ने कहा कि एक पीएम 21वीं सदी-21वीं सदी बोलते थे। वो 20वीं सदी की जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पाए थे। आज जब चीजों को बारीकी से देखता हूं तो पता लगता है कि हम 40-50 साल लेट हैं। जब से जनता ने हमें मौका दिया तब से हमने ज्यादा से ज्यादा युवाओं पर फोकस किया। उनके लिए अवसर बनाए, कई क्षेत्रों को खोल दिया। इस कारण देश के युवा परचम लहरा रहे हैं। हमने स्पेस, डिफेंस सेक्टर को खोल दिया। सेमी कंडक्टर योजना लाए, स्टार्टअप योजना का इकोसिस्टम खड़ा किया। इस बजट 2025 में भी हमने न्यूक्लियर एनर्जी सेक्टर को ओपन कर दिया है जिसके दूरगामी परिणाम दिखेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि AI, 3डी प्रिंटिग, VR की चर्चा का गेमिंग का महत्व क्या है उसपर भी हम कदम बढ़ रहे हैं। गेमिंग का कैपिटल भारत क्यों न हो इसके लिए हम काम कर रहे हैं। मेरे लिए डबल AI है, पहला- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, एसपिरेशनल इंडिया। हमने स्कूलों में 10 हजार टिंकरिंग लैब शुरू किए, इनसे निकले बच्चे रोबोटिक्स बना रहे हैं। इस बजट में 50 हजार नए टिंकरिंग लैब का प्रावधान किया गया है। इंडिया AI मिशन को लेकर पूरी दुनिया आशावादी है। इसमें भारत की मौजूदगी अहम स्थान ले चुकी है।
पीएम मोदी ने कहा कि हम लगातार युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखकर काम कर रहे हैं। लेकिन कुछ दल युवाओं को लगातार धोखा दे रहे हैं। ये दल चुनाव में लगातार ये भत्ता देंगे वो भत्ता देंगे करते हैं और उस वादे को पूरा नहीं करते हैं। ये दल युवाओं के भविष्य पर आपदा बनकर गिरे हुए हैं। हम कैसे काम करते हैं ये हरियाणा में देश ने देखा है। बिना खर्ची और बिना पर्ची नौकरी देने का वादा किया था और सरकार बनते ही नौजवानों को नौकरी मिल गई। हम जो कहते हैं उसी का परिणाम है कि हरियाणा में हमें तीसरी बार भव्य विजय मिली है। ये ऐतिहासिक घटना है। महाराष्ट्र में भी हमें ऐतिहासिक परिणाम मिला है। महाराष्ट्र में सत्ता पक्ष को इतनी सीटें पहली बार मिली है।
पीएम मोदी ने कहा कि संविधान में जो धाराएं हैं उसके साथ एक स्पिरिट भी है। संविधान को मजबूती देने के लिए संविधान की भावना को जीना पड़ता है। हम वो लोग हैं जो संविधान को जीते हैं। हमारे यहां परंपरा है कि राष्ट्रपति संबोधन में सरकार के काम का ब्योरा देते हैं। राज्य में राज्यपाल ऐसा ही करते हैं। जब गुजरात के 50 साल हुए तब मैनें सीएम रहते फैसला किया कि इस अवसर पर बीते 50 साल में जितने भी गवर्नर के भाषण हुए सबको एक पुस्तक के रूप में तैयार किया जाए। आज सभी लाइब्रेरी में ये पुस्तक उपलब्ध है। जबकि तब राज्य में ज्यादातर कांग्रेस की सरकार रही थी। ऐसा इसलिए क्योंकि हम संविधान को जीना जानते हैं। जब हम 2014 में आए तब विपक्ष नहीं था। हमारा संविधान जीने का स्वभाव था कि हमने तय किया कि भले मान्य विपक्ष नहीं होगा लेकिन जो विपक्ष के सबसे बड़े दल का नेता है उसे बैठक में बुलाएंगे। इलेक्शन कमीश्नर को चुनने की प्रक्रिया में विपक्ष के नेता को हम लेकर आए।
पीएम मोदी ने कहा कि दिल्ली में कई स्थान ऐसे हैं जहां कुछ परिवारों ने अपने म्यूजियम बना के रखे हैं। लेकिन हमने पीएम म्यूजियम बनाया। मुझसे पहले के पीएम के जीवन उनके कार्यों के लिए म्यूजियम बनाया गया। पूर्व पीएम के परिवारों को इस म्यूजियम के लिए सुझाव देने चाहिए। अपने लिए सब करते हैं लेकिन संविधान को जीना वाले इधर बैठे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि जब सत्ता सेवा बन जाए तो ये राष्ट्रनिर्माण होेता है जब सत्ता विरासत बन जाए तो इससे लोकतंत्र खत्म होता है। हम संविधान की भावन लेकर चलते हैं हम जहर की राजनीतिक नहगीं करते हैं। हम देश की एकता को सर्वोपरि रखते हैं इसलिए सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति बनाते हैं। वो भाजपा के नहीं थे लेकिन हम संविधान को जीते हैं इसलिए ये काम करते हैं।
ये देश का दुर्भाग्य है कि कुछ लोग अर्बन नक्सल की भाषा खुलेआम बोल रहे हैं। इंडियन स्टेट के सामने मोर्चा लेना, लड़ाई की घोषणा करने वाले संविधान और देश की एकता को नहीं समझ सकते। 7 दशक तक जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को संविधान के अधिकारों से वंचित रखा गया। ये संविधान और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों के साथ अन्याय था। हमने 370 की दीवार गिरा दी। अब देश के लोगों को अधिकार हैं वो उन्हें भी मिल रहे हैं। जो लोग संविधान को जेब में लेकर घूमते हैं उन्हें नहीं पता था कि आपने मुस्लिम महिलाओं का क्या हाल किया। हमने ट्रिपल तलाक खत्म कर के मुस्लिम महिलाओं को उनका अधिकार दिया।
पीएम मोदी ने कहा कि एनडीए के लिए जो आखिरी है वह महत्वपूर्ण है। हम पूर्वोत्तर के लिए अलग मंत्रालय बनाते हैं। हमने देश में आदिवासियों के लिए अलग मंत्रालय बनाया। दक्षिण और पूर्व के कई राज्य समुद्र से जुड़े हैं। वहां मछली पालने वालों के आखिरी तबके के लोगों के लिए अलग मंत्रालय दिया। समाज के दबे-कुचले वंचित लोगों के स्किल डेवलपमेंट को बल मिले तो उन्हें नया जीवन मिल सकता है। इसके लिए हमने अलग स्किल मंत्रालय बनाया। अनेक क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए कोऑपरेटिव मंत्रालय बनाया।
पीएम मोदी ने कहा कि जाति की बात करना कुछ लोगों के लिए फैशन बन गया है। बीते 30 साल से सदन में आने वाले ओबीसी सांसद ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा देने की मांग कर रहे थे। जिन्हें आज जाति की बात करने में मलाई दिखती है उन्हें समझ नहीं आया लेकिन हमने ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा दिया। हर सेक्टर में एससी, एसटी, ओबीसी को ज्यादा से ज्यादा अवसर मिले उस दिशा में हमने मजबूती से काम किया है।
पीएम मोदी ने पूछा कि क्या एक ही समय में संसद में एससी वर्ग के एक ही परिवार के 3 सांसद हुए हैं क्या? कोई ये बताए कि एक ही कालखंड में संसद में एसटी वर्ग के एक ही परिवार के 3 सांसद हुए हैं क्या। कुछ लोगों की बात और करनी में जमीन आसमान का अंतर होता है। हम एससी-एसटी समाज को कैसे सशक्त कर रहे हैं। समाज में तनाव पैदा किए बिना, एकता को रखते हुए काम कैसे किया जाता है इसका उदाहरण देता हूं। देश में 2014 से पहले मेडिकल कॉलेज की संख्या 387 थी। आज देश में 780 मेडिकल कॉलेज हैं। कॉलेज के साथ सीटें भी बढ़ी हैं। 2014 ले पहले हमारे देश में एससी छात्रों की mbbs की सीट 7700 थी। 10 साल के बाद आज ये संख्या बढ़कर 17000 सीटें हो गई हैं। हमने तनाव लाए बिना एक दूसके के सम्मान को बढ़ाते हुए ये काम किया। एसटी छात्रक्षों के लिए 3800 सीटें थीं। आज ये संख्या बढ़कर 9000 हो गई है। ओबीसी के छात्रों के लिए 14000 से भी कम सीटें थी आज ये सख्या 32 हजार हो गई है।
बीते 10 साल में हर हफ्ते एक नई यूनिवर्सिटी बनी है। एक नई आईटीआई बनी है। हर दो दिन में एक नया कॉलेज खुला है। एससी, एसटी, ओबीसी युवा-युवतियों के लिए कितनी वृद्धि हुई है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। हम हर योजना को शत प्रतिशत लागू करने में लगे हुए हैं। ताकि जिसका हक है उसे मिले। यहां 1 रुपया और 15 पैसा वाला खेल नहीं है। कुछ लोगों ने तुष्टिकरण की राजनीति की। हमने रास्ता चुना है कि तुष्टिकरण नहीं बल्कि संतुष्टिकरण की ओर बढ़ें। हर समाज के लोगों को उसके हक का मिले वह है संतुष्टिकरण। ये असल में सामाजिक न्याय, सेक्यूलरिज्म और संविधान का सम्मान है।